यदि मस्तिष्क स्वस्थ रहता है तो हमारे शरीर का हर अंग सही ढंग से कार्य करता है अन्यथा शरीर भी किसी ना किसी बीमारी से ग्रसित हो उठता है। मस्तिष्क एक कंप्यूटर की तरह होता है जिसमें सारे प्रोग्राम फिक्स होते हैं। जब उसी प्रोग्रामिंग में कोई वायरस आ जाता है तो प्रोग्राम सही ढंग से काम करना बंद कर देता है। इसीलिए यदि आप नहीं जानते हैं तो जान लीजिए 5 मेंटल डिजीज इससे आपको बचना भी है यह आपके जीवन को दुख से भर देते हैं तो चलिए जानते हैं कि कौन-कौन से 5 मेंटल डिजीज है।
मूड डिसऑर्डर की प्रॉब्लम
मूड डिसऑर्डर एक ऐसी समस्या है जिसमें व्यक्ति अपनी इमोशन पर नियंत्रित नहीं कर पाता है। जब वह खुश होता है तो ऐसा कुछ होता है जैसे कि उसके जीवन में दुख है ही नहीं। लेकिन जब दुखी होता है तो ऐसे दुख होता है जैसे सारे संसार के प्रॉब्लम का एक पहाड़ उसके ऊपर गिर पड़ा हुआ है।
पर्सनालिटी डिसऑर्डर की प्रॉब्लम
पर्सनैलिटी डिसऑर्डर की प्रॉब्लम आम जनमानस में बहुत प्रचलित हो चुका है लगभग लगभग हर व्यक्ति के अंदर पर्सनैलिटी डिसऑर्डर की प्रॉब्लम रहती है आपने देखा है कि जिस व्यक्ति को पर्सनैलिटी डिसऑर्डर की प्रॉब्लम रहती है वह सामाजिक सरोकारों से दूर हो जाता है और अपने आप को अकेला पाता है और उसके रिश्ते भी परिवार से लेकर के समाज में तक अच्छी नहीं रहते हैं।
ईटिंग डिसऑर्डर की प्रॉब्लम
ईटिंग डिसऑर्डर की प्रॉब्लम जिस भी व्यक्ति को रहती है उस व्यक्ति को अधिक भूख लगने पर कम खाता है जिसके परिणाम स्वरूप उसकी सेहत दिन प्रतिदिन खराब होती जाती है।
डिप्रेशन की प्रॉब्लम
शरीर में यदि डोपामाइन का अल्पश्रावण हो जाता है तो डिप्रेशन जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है क्योंकि इसे हैप्पी हार्मोन की संज्ञा दी जाती है इसलिए यदि आप अपने दिनचर्या को सही ढंग से रखेंगे तो डोपामाइन का श्रावण अनुकूलित होगा।
फोबिया की प्रॉब्लम
फोबिया की प्रॉब्लम एक ऐसी समस्या है जिसमें व्यक्ति को परिस्थिति चाहे जितना अनुकूल हो। यदि उसमें थोड़ी सी भी प्रॉब्लम आ जाए तो व्यक्ति में भयभीत हो उठता है हर व्यक्ति यह नहीं जान पाता है कि उसको क्या हो गया है वह क्यों डर रहा है कि एक तरह से उसे फोबिया हो गया है।