क्या आप इन 5 फलों को पहचानते है? भारत के अधिकतम लोगों को नहीं मालूम, स्वाद है जबरदस्त

फलों के बाजार में वो सारे फल मौजूद होते हैं, जिनका सेवन हम करते हैं, लेकिन कई सुपरमार्केट में हमें कुछ ऐसे फल दिख जाते हैं, जिन्हें हम पहचान ही नहीं पाते। कई लोग सोचते हैं कि ये फल विदेशी होंगे, लेकिन ऐसा नहीं है। भारत में ऐसे कई फलों की उपज भारी मात्रा में होती है, जिनके बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी ही नहीं होती। और तो और इन फलों में कई गुण होते हैं।आइये जानते हैं पांच ऐसे ही फलों के बारे में…..

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जंगली जलेबी

जंगली जलेबी या कोडुककपुली में 6-10 काले बीज होते हैं। ये फल काफी मीठा होता है, जबकि इस फल को कच्चा भी खाया जा सकता है या नींबू पानी के समान इसका भी रस बनाया जा सकता है। इसके टैंगी बीज का उपयोग करी में किया जाता है। जंगली जलेबी की उपज मुख्यतया तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में होता है।

वजन कम करने, आंत की समस्याओं के समाधान, स्किन से जुड़ी बीमारियां जैसे एग्जिमा से निपटने के लिये जंगली जलेबी का सेवन लाभकारी है। ये एंटीकैंसर एजेंट के तौर पर भी काम करता है।

बुद्धा हाथ

ये फल एक लम्बे नींबू की तरह दिखता है, जो पीले रंग का होता है। फल का आकार ऐसा लगता है, मानों हाथों की उंगलियां हो, जिस वजह से इसका नाम बुद्धा हाथ रखा गया। ये फल काफी स्वादिष्ट और सुगंधित होता है। इसके ताजा फल परफ्यूम बनाने के काम में आते हैं। माना जाता है कि ये फल निचले हिमालय में उत्पन्न हुआ था। इसकी उपज पूर्वोत्तर भारत में ज्यादा होती है। ये फल शरीर के दर्द से आराम पाने, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने, खांसी में, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने और संक्रमणों को रोकने में मदद करता है।

जापानी फल

जापानी फल दिखने में गहरे नारंगी-लाल रंग का होचा है और बिल्कुल टमाटर के समान, पूरी तरह से पका हुआ खाया जाता है। जापानी फल नरम, मीठा और स्वादिष्ट होता है। ये फल मूल रूप से चीन का है, लेकिन बाद में इसकी उपज कोरिया और जापान में भी होने लगी और 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में भारत लाया गया। भारत में ये फल हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड और नीलगिरी की पहाड़ियों पर उगाये जाते हैं।

जापानी फल एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होते हैं, सूजन कम करता है, स्वस्थ पाचनक्रिया सुनिश्चित करता है और आंखों और दिल के स्वास्थ्य के लिये भी अच्छा है।

बेल

बेल को ताजा या सुखाकर खाया जा सकता है या इसका जूस भी बनाया जा सकता है। ये बाहर से सख्त और अंदर से नर्म होता है। इसका स्वाद खट्टा-मीठा होता है। ये फल महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और पश्चिमी हिमालय में उगाया जाता है।

बेल के लाभ

बैक्टीरिया जनित डायरिया और हैजा का प्रबंधन करता है।

पाचन के लिये अच्छा है।

बैड कोलेस्ट्रॉल कम करता है।

स्किन इंफेक्शन कम करता है।

ब्लड प्यूरीफायर के रूप में काम करता है।

जंगली बेर (करोंदा)

पोषण से भरपूर जंगली बेर, करोंदा गुलाबी रंग के फल होते हैं जिनके मूल में छोटे बीज होते हैं। फल पकने के बाद कोमल, सुस्वादु और बैंगनी रंग का हो जाता है। ये फल बिहार और पश्चिम बंगाल की शिवालिक पहाड़ियों, पश्चिमी घाट और नीलगिरि पहाड़ियों पर मिलते हैं।

लाभ

करोंदा विटामिन सी, बी और आयरन से भरपूर है। ये आहार-संतुलक है और एनीमिया को मात देने में मदद कर सकता है।

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